उज्जैन (ब्यूरो) - महाकालेश्वर मंदिर में हर पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। होली का त्यौहार भी यहां जमकर मनाया जाता है। विश्व भर में सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में ही होलिका दहन होता है और उसके बाद जमकर रंग गुलाल उड़ाया जाता है। होलिका दहन की अगली सुबह यानी धुलेंडी के दिन भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं। आज भी मंदिर में यही नजारा दिखाई दे रहा था लेकिन रंग में भंग उस समय पड़ गया। जब भस्म आरती के दौरान अचानक आग लग गई। महाकाल मंदिर में आगजनी की इस घटना में पांच पुजारी झुलस गए हैं और 6 सेवक भी इसकी चपेट में आए हैं। गनीमत यह रही कि समय रहते इस पर काबू पा लिया गया और यह ज्यादा नहीं बढ़ी। जिस दौरान यह हादसा हुआ उसे समय भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में मौजूद थे। समय रहते स्थिति नियंत्रण में आ गई जिसके चलते अफरातफरी की स्थिति नहीं बन पाई।
मिली जानकारी के मुताबिक आगजनी की यह घटना उस समय हुई जब मंदिर में धुलेंडी का पर्व मनाया जा रहा था। इस दौरान मंदिर में कपूर आरती चल रही थी तभी अचानक आग लग गई। आरती के दौरान आग भभक कर ऊपर लगे फ्लेक्स में लग गई जिसका जलता हुआ हिस्सा नीचे गिर गया। नीचे जो पुजारी और सेवक खड़े थे वो इससे झुलस गए। इस घटना में कुल 13 लोग झुलसे हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। 3 पुजारियों की हालत गंभीर है, जिसमें से 2 को इंदौर रेफर किया गया है। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर और एसपी अस्पताल पहुंचे और लोगों से उनका हालचाल जाना। सभी की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। ये बताया गया है कि आरती के दौरान पुजारी पर गुलाल डाला गया जो दीपक पर गिरा और इससे आग भभक गई। आशंका है कि केमिकल युक्त गुलाल के कारण आग लगी है। मंदिर की चांदी की दीवार को गुलाल से बचाने के लिए जो फ्लैक्स लगे हैं वो आग की चपेट में आ गए। हालांकि, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं। एक कमेटी अब इस पूरे मामले की जांच करेगी।
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