केमिकल वाला गुलाल बना गर्भगृह में आग की वजह, कई नियमों का हुआ उल्लंघन, कलेक्टर ने मंदिर प्रशासक को पद से हटाया
उज्जैन (ब्यूरो) - धुलेंडी के मौके पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में आगजनी की घटना हो गई थी। जिसके चलते गहमा गहमी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। यह हादसा तब हुआ जब मंदिर में भस्म आरती चल रही थी और कई सारे श्रद्धालु यहां मौजूद थे। गर्भगृह के अंदर लगी इस आग में 14 लोग घायल हुए थे। इसके बाद कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए थे। जांच कमेटी ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। जिसमें सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह सबूत मिला है कि केमिकल वाले गुलाल की वजह से यह आग भड़की थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कलेक्टर ने देर रात मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को पद से हटा दिया है। फिलहाल मंदिर का अतिरिक्त प्रभार जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा को सौंपा गया है। इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है। गुलाल की जांच चल रही है। लैब रिपोर्ट आने के बाद यह पता चलेगा कि केमिकल था या नहीं।
कलेक्टर द्वारा दो सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दिए गए थे। इसके बाद गर्भगृह में मौजूद पंडित पुजारी और श्रद्धालुओं के बयान देखने के साथ सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। जो फुटेज सामने आया उसमें देखा जा सकता है कि श्रद्धालु, सेवक, पंडे पुजारी हाथ और प्रतिबंधित प्रेशर पंप से गुलाल उड़ा रहे हैं। यह गुलाल गर्भगृह और नंदी हॉल तक जा रहा था। इसी की मात्रा दीपक तक पहुंची और आग लग गई। यह जानकारी सामने आ रही है कि सिर्फ 4 से 5 किलो हर्बल गुलाल ही मंदिर में पहुंचना था। उसके बावजूद कई क्विंटल गुलाल यहां पहुंचा। यह बहुत बड़ी लापरवाही है। इसके जिम्मेदार सामने आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली एजेंसी क्रिस्टल को भी नोटिस भेजा जाएगा। कुछ लोगों के बयान लिए जाना फिलहाल बाकी है इसलिए फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर स्तर और शासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
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