चक्र डेस्क - मध्य प्रदेश की राजनीति में मालवा निमाड़ क्षेत्र की अहमियत किसी से छिपी नहीं है, लेकिन केंद्र की राजनीति में भी मालवा निमाड़ के नेता खूब चमके। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस और भाजपा के सांसदों को केंद्र में महत्वपूर्ण पद मिले, हालांकि मालवा निमाड़ का जैसा विकास होना था, उसमें उच्च पदों पर बैठे नेता ज्यादा मदद नहीं कर पाए।
सांसद रहे सेठी मंत्री-मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे
मालवा के सबसे बड़े शहर इंदौर के सांसदों को केंद्र सरकारों में महत्वपूर्ण पद मिले। इंदौर के सांसद रहे स्व. प्रकाश चंद्र सेठी 1971 में कांग्रेस की सरकार में मंत्री थे। 1972 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस संगठन ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। सेठी केंद्र सरकार में राज्यमंत्री, इस्पात मंत्री, पेट्रोलियम व रसायन मंत्री व गृह मंत्री तक रहे।
महाजन बनीं लोकसभा स्पीकर
इंदौर से आठ बार लगातार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ने केंद्रीय मंत्री से लेकर लोकसभा स्पीकर तक का पद पाया। लोकसभा स्पीकर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्टी ने उम्र के मापदंड के कारण उनके बजाए इंदौर से शंकर लालवानी को टिकट दिया। महाजन को मानव संसाधन, संचार और पेट्रोलियम मंत्रालय मिले। महाजन एक भी लोकसभा चुनाव नहीं हारीं।
राज्यसभा सदस्य रहे दवे
इंदौर के ही निवासी स्व. अनिल माधव दवे राज्यसभा सदस्य रहे। वे केंद्र सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री रहे। उज्जैन जिले के बड़नगर में जन्मे अनिल ने इंदौर से ही छात्र राजनीति शुरू की। मंत्री रहते उनका निधन हो गया था। इसी तरह देवास से लोकसभा चुनाव जीते सज्जन सिंह वर्मा, मंदसौर सांसद रहीं मीनाक्षी नटराजन को भी कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्ण पद मिले।
अरुण यादव ने दिल्ली में किया निमाड़ का प्रतिनिधित्व
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री रहे स्व. सुभाष यादव के बेटे अरुण यादव निमाड़ के बड़े नेता माने जाते हैं। 15 साल पहले खरगोन लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार कृष्णमुरारी मोघे को हराने के बाद वे राजनीति में खूब चमके।2009 में परिसीमन हुआ तो वे खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और नंदकुमार चौहान को हराया। यूपीए सरकार में वे भी भारी उद्योग, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के पद पर रहे।
भूरिया भी केंद्रीय मंत्री रहे
रतलाम झाबुआ सीट से सांसद रह चुके कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया भी उपभोक्ता व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री रहे। इसके अलावा जनजातीय मामलों के मंत्री भी वे रह चुके हैं।
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