इंदौर (ब्यूरो) - मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी का डॉ अक्षय कांति बम सहित अन्य पर धारा 307 का प्रकरण दर्ज हुआ है। मामले में न्यायालय ने 10 मई को उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। यदि अभियुक्तगण की ओर से चलाई गई बंदूक से फरियादी की मुत्यु हो जाती तो हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध किया जा सकता था। अतः प्रकरण की परिस्थितियों में अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रथम दृष्टया धारा 307 का अपराध बनना पाया जाता है। अभियुक्तगण कांतिलाल एवं अक्षय जमानत पर हैं। उनके अधिवक्ता को आदेशित किया गया कि वह आगामी नियत तिथि 10 मई 2024 को न्यायालय में उपस्थित करें।
मामला 17 साल पुराना है। तत्कालीन आईजी इंदौर सुरजीत सिंह व उनके पुत्र सतवीर सिंह की सिक्योरिटी एजेंसी को कांतिलाल बम व अक्षय बम ने यूनुस पटेल की जमीन खाली कराने का ठेका दिया था। प्रार्थी सतवीर की रिपोर्ट पर यूनुस के खिलाफ पुलिस ने झूठा लूट का प्रकरण दर्ज किया था। झूठे साक्ष्य रचने के कारण यूनुस लूट के प्रकरण से दोषमुक्त हो चुके है। प्रकरण में प्रस्तुत प्रथम सूचना प्रतिवेदन से दर्शित है कि घटना दिनांक 4 अक्टूबर 2007 को अभियुक्तगण फरियादी के गांव में जाकर उसकी भूमि पर नौकरों से न सिर्फ मारपीट की थी बल्कि कटी रखी सोयाबीन फसल में आग लगा दी थी। प्रतिवेदन में घटना दो क्रम में घटित हुई है। प्रथम बार जब फरियादीगण अपने नौकर का मेडिकल परीक्षण करवाकर वापस खेत पर लौटे तो अभियुक्त कांतिलाल एवं लडका अक्षय, सतवीर, सुरक्षागार्ड मनोज, सोनू बंदूक लेकर एवं अन्य 7-8 लोग भी आये थे जिनमें से कांतिलाल ने कहा था कि यही युनुस गुड्डू है, इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो। तभी रिंकू ने युनुस का हाथ पकडकर उसे पीछे से खींच लिया था। फरियादी युनुस के 19 अक्टूबर 2007 के कथन में यह लेख है कि सतवीर सिंह ने गोली चलाई थी, तभी मेरे साथी रिंकू वर्मा ने हाथ पकडकर खींच लिया जिससे गोली मेरे पास से निकल गई। साक्षी कैलाश, उस्मान ने भी अपने कथन में युनुस पटेल की ओर बंदूक करके गोली चलाना बताया है। अभियोग पत्र में संलग्न फरियादी युनुस एवं साक्षी कैलाश व उस्मान के कथन से यह प्रथम दृष्टया दर्शित है कि अभियुक्त सतीश द्वारा बंदूक चलाई गई है। घटनास्थल से एक 12 बोर बंदूक एवं एक खाली कारतूस भी जब्त हुआ है।
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