लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव की तुलना में 8% कम मतदान हुआ। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता श्री अमित शाह ने भोपाल में सबको फटकार लगाई। केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश की सरकार को चेतावनी दी है कि यदि किसी भी मंत्री के इलाके में वोट प्रतिशत कम रहा तो इसके लिए उसे जिम्मेदार माना जाएगा, और इसी के आधार पर उसके भविष्य का निर्धारण किया जाएगा। इशारा स्पष्ट था कि यदि किसी भी मंत्री के इलाके का मतदान प्रतिशत कम हुआ तो उसकी कुर्सी चली जाएगी और यदि पूरे मध्य प्रदेश का मतदान प्रतिशत कम हुआ तो डॉ मोहन यादव की कुर्सी (मुख्यमंत्री पद) चली जाएगी।
कन्नोद/देवास (चक्र डेस्क) - हाल ही में हुए चुनाव के मतदान प्रतिशत को लेकर भारतीय जनता पार्टी में अंदरुनी रूप से खलबली मची हुई है. राज्य में 60% से कम मतदान होने पर भाजपा ने जो गुणा भाग किया है उसको लेकर भाजपा के आलाकमान राज्य में हुए चुनाव में जातिगत मतदान प्रतिशत का अंदरुनी रूप से जो आकलन किया उसको देखते हुए अभी तक हुए लोकसभा सीटों पर भाजपा को लग रहा है कि परिणाम विपरीत हो सकते हैं. पहला कारण पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा तथा कांग्रेस के मध्य जो अंतर था अधिकांश सीटों पर अल्प मतों से भाजपा ने जीत हासिल की थी. इसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को राज्य मंत्रिमंडल से दूध में से मक्खी निकाल कर फेंकने वाली कहावत को चरितार्थ किया था. दूसरा महंगाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है. किसान, व्यापारी और कर्मचारी वर्ग के साथ गरीब वर्ग भी वर्तमान सरकार से रुष्ट होकर मतदान कर सकता है. इन तमाम बिंदुओं की जमीनी हकीकत को देखते हुए भाजपा की सांस फूलती जा रही है. भाजपा ने जो सर्वेक्षण कराया उसमें अल्पसंख्यकों का मतदान प्रतिशत 90% से ऊपर है इस बात को लेकर भाजपा में खलबली मची हुई है. कहीं ऐसा ना हो कि परिणाम उलट निकल जाए.
अगर यही स्थिति रही तो भाजपा का जो नारा है इस बार 400 पार यह आंकड़ा 300 के आसपास सिमट कर रह जाएगा जो भाजपा के लिए खतरा साबित हो सकता है! भाजपा में कुछ नेताओं की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है किंतु आने कैसे लोकसभा क्षेत्र है जहां पर भाजपा के लिए खतरा मंडरा रहा है. भाजपा को मालवा क्षेत्र इंदौर, उज्जैन, धार, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, भोपाल, राजगढ़ सीटों पर भारी चिंता सता रही है. इस चिंता को देखते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अपने विदिशा लोकसभा क्षेत्र में पांचवा क्षेत्र के देहाती क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क करने पर निकल पड़े हैं, राजनीतिज्ञों का मानना है कि श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से विजय होने वाले पहले उम्मीदवार होंगे इसके बावजूद गांव-गांव जाकर मतदाताओं से जीवंत संपर्क बनाने के लिए शिव परिवार लगा हुआ है. वही सभी विधायकों को भी हिदायत दी गई है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में आम मतदाताओं के बीच रहकर मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़े. भाजपा की दिनों दिन रणनीति बदलती जा रही है पहले जिन कार्यकर्ता को समूचे गांव की जिम्मेदारी दी गई थी अब उसके साथ और कार्यकर्ताओं की टोली जोड़ दी गई है घर पर अपना पकड़ बनाने के लिए जी जान से लगे हुए हैं! इसके बाद भी आगामी दिनों में होने वाले लोकसभा मतदान क्षेत्र में अगर प्रतिशत कम रहता है तो निश्चित रूप से भाजपा के लिए अच्छी स्थिति नहीं कई जा सकती है.
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