भोपाल (ब्यूरो) - गुजरात के राजकोट के एक गेम जोन में आगजनी की घटना में 29 लोगों की जान चली गई। इस बड़ी घटना के बाद मध्य प्रदेश प्रशासन भी सतर्क हो गया है। सरकार भी इस मामले में सतर्क दिख रही है। भोपाल जिला प्रशासन की एक टीम ने कोचिंग और रेस्टोरेंट में आग प्रबंधन की जांच के लिए 'सर्जिकल स्ट्राइक' की। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश के बाद अधिकारियों की एक टीम ने मंगलवार को एम.पी. नगर में छापा मारा। यहां बड़ी संख्या में कोचिंग और रेस्टोरेंट में आग दुर्घटना के समय बचाव के संबंध में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण टीम में एमपी नगर एसडीएम एल के खरे, एसीपी अक्षय चौधरी, एमपी नगर तहसीलदार सुनील वर्मा, नायब तहसीलदार अनामिका सराफ और नगर निगम का दल शामिल रहा। जांच में कई कोचिंग संस्थानों में आग से बचाव के मानक स्तर नहीं मिले। ऑरस एकेडमी में अग्नि दुर्घटना से बचाव के संबध में मानक स्तर के उपाय नहीं पाए गए। इस संस्थान में कुल 1800 छात्रों का रजिस्ट्रेशन होना पाया गया, जिसमें 350 छात्र निरीक्षण के दौरान कोचिंग में पाए गए। संस्थान तीन फ्लोर पर चल रहा है। फायर फाइटिंग सिस्टम पंप (हौज पाईप), स्टोरेज टैंक क्षमता अनुसार कम पाए गए। बेसमेंट में क्लासेस लगी पायी गयी, वहां दूसरा एग्जिट गेट भी नहीं मिला। यहां इमरजेंसी एग्जिट उपलब्ध नहीं था, फायर एस्टिंगयूशर कम संख्या मे थे। एक ही ऑपरेटर उपलब्ध था, स्मोक डिटेक्टर ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर भी नहीं था।
कोचिंग संस्थान मीतेश राठी क्लासेस का निरीक्षण किया गया। यहां कुल 500 छात्रों का रजिस्ट्रेशन है, लेकिन मल्टी स्टोरी निर्माण मानक स्तर के अग्नि दुर्घटना के समय पुनर्निर्माण की व्यवस्था नहीं मिली। हर फ्लोर पर फायर फायटर सिस्टम उपलब्ध नहीं थे। स्टोरेज टेंक क्षमता अनुसार कम पाए गए। बेसमेंट में टू व्हीलर पार्किंग है, वही पर इलेक्ट्रिकल डी.जे. पाया गया। वहां स्प्रिंकलर होना जरूरी है जो नही पाया गया। साईन बोर्ड, ABC सिलेन्डर, Co2 सिलेन्डर, आटोमेटिक स्प्रिंकलर भी उपलब्ध नही थे। होटल, रेस्टोरेन्ट, हॉस्पिटल, कोचिंग, हॉस्टल स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि में फायर सेफ्टी के अपने मापदण्ड हैं, जिनको फॉलो करना होता है। प्रशासन अब इन संस्थानों पर आगे की कार्रवाई करेगा।
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