बड़वानी (ब्यूरो) - जिले के पलसूद और निवाली ब्लॉक का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया है। बता दें कि जिले में बीते दिनों बड़ी संख्या में छात्रावास की बालिकाओं की अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे क्षेत्र में अलग-अलग जगहों से पीने के पानी के सैंपल कलेक्ट किए थे और उसे इंदौर स्थित लैब में जांच के लिए भेजा गया था, जिसके बाद लैब से आई रिपोर्ट में पीने के पानी में सीवरेज के गंदे पानी में मिलने वाले बैक्टीरिया के होने का खुलासा हुआ है। वहीं, डॉक्टरों के अनुसार इस तरह का बैक्टीरिया समय पर इलाज नहीं मिलने पर जानलेवा भी साबित हो सकता है, जिसको लेकर पीने के पानी में क्लोरिन की गोली डालकर अगले दिन उसका उपयोग करें या पानी को उबालकर ठंडा कर पीने के उपयोग में ले।
पानी में मिले हैं उल्टी दस्त के बैक्टीरिया
इधर, इस पूरे मामले को लेकर बड़वानी जिले की सीएमएचओ सुरेखा जमरे ने बताया कि निवाली और पलसूद क्षेत्र में पीने के पानी के कुछ सैंपल लिए थे, जिनमें कुएं के पानी का सैंपल, पानी की टंकी का सैंपल, आरओ के पानी का सैंपल और एक मरीज के घर के पानी का सैंपल। इस तरह से अलग-अलग कई जगह से पानी के सैंपल लिए गए थे, जिसे इंदौर लैब में जांच करने भेजा गया था और वहां से जो रिपोर्ट आई है। उसमें बताया गया है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। इस पानी में उल्टी दस्त के बैक्टीरिया पाए गए हैं।
उल्टी दस्त के मरीज हैं अस्पताल में भर्ती
वहीं, अब आमजन को किस तरह की सतर्कता रखना चाहिए, इसको लेकर उन्होंने अपील भी की के जो भी पानी आप पी रहे हैं। उसमें ब्लीचिंग पाउडर या क्लोरीन की गोली डालकर दूसरे दिन उसका उपयोग करें। और पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद उसका उपयोग करें। नदी और कुंवों का पानी डायरेक्ट न पियें। और इसको लेकर उन्होंने विभागीय दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। वहीं, उन्होंने बताया कि अभी यहां उल्टी दस्त के 11 मरीज भर्ती हैं और पलसूद में भी सामान्य उल्टी दस्त के आठ मरीज अभी भर्ती हैं। इनमें से एक गंभीर मरीज जिसे आठ से 10 बार मल्टीप्ल डायरिया हुआ है, उसे रेफर किया गया है। हालांकि, अब वह भी ठीक है और निवाली में अभी की स्थिति सामान्य है।
सीवरेज के पानी में रहता है बैक्टीरिया
इस दौरान पानी में पनप रहे इस बैक्टीरिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सीवरेज के पानी में रहने वाला या बारिश के पानी में बहकर आने वाला बैक्टीरिया है। तो उससे पूरा पानी खराब हो जाता है। वहीं, उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कहीं कुछ आम आदमी को जानकारी मिलती है तो उसकी सूचना तुरंत जिले के स्वास्थ्य अमले को दी जाए, जिससे हम उसको लेकर प्रभावी कार्रवाई कर सकें।
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